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Infosys Buyback: इन्फोसिस का 3 साल बाद फिर बायबैक का प्लान, 11 सितंबर को बोर्ड मीटिंग में होगा विचार

Infosys Buyback: इन्फोसिस का 3 साल बाद फिर बायबैक का प्लान, 11 सितंबर को बोर्ड मीटिंग में होगा विचार

Infosys Buyback: भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड ने सोमवार (8 सितंबर) को कहा कि उसकी बोर्ड मीटिंग 11 सितंबर 2025 को होगी। इस मीटिंग में कंपनी पूरी तरह से पेड-अप इक्विटी शेयरों के बायबैक का प्रस्ताव रखेगी।

2022 में हुआ था पिछला बायबैक

इन्फोसिस ने आखिरी बार 2022 में बायबैक किया था। यह पिछले पांच साल में कंपनी का चौथा बायबैक था। उस समय कंपनी ने 9,300 करोड़ रुपये का बायबैक प्रोग्राम मंजूर किया था और प्रति शेयर की अधिकतम कीमत ₹1,850 तय की थी।

यह ऑफर पीरियड 7 दिसंबर 2022 से 13 फरवरी 2023 तक चला था। इस दौरान इन्फोसिस ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर ओपन मार्केट से करीब 5.027 करोड़ शेयर खरीदे थे।

शेयर बायबैक क्या होता है?

शेयर बायबैक का मतलब है कि कोई कंपनी अपने ही शेयरों को मार्केट या मौजूदा शेयरधारकों से वापस खरीद लेती है। बायबैक से प्रति शेयर कमाई (EPS) भी बढ़ती है, क्योंकि बाजार में बचे शेयरों की संख्या घट जाती है और हर शेयर पर मुनाफा ज्यादा दिखता है।

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कंपनी शेयर बायबैक क्यों करती है?

कंपनियां कई वजहों से अपने शेयर वापस खरीदती हैं। सबसे पहले, यह प्रमोटर की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद करता है, यानी मालिकाना हक मजबूत होता है। इसके अलावा, शेयर प्राइस को सपोर्ट करने और शेयरधारकों को कैश लौटाने के लिए भी बायबैक किया जाता है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।

इसके साथ ही, यह दुश्मनी वाले अधिग्रहण (hostile takeover) से बचाव का तरीका भी बनता है, क्योंकि बायबैक से कंपनी का कंट्रोल मजबूत रहता है।