जीत के बाद ओटावा में अपने भाषण में कार्नी ने साफ संदेश दिया, “जब मैं राष्ट्रपति ट्रंप से मिलूंगा, तो हम दो संप्रभु राष्ट्रों के तौर पर भविष्य के आर्थिक और सुरक्षा संबंधों पर चर्चा करेंगे। हम यह जानते हैं कि अमेरिका के अलावा भी हमारे पास समृद्धि के कई रास्ते हैं।” कार्नी के इस बयान को ट्रंप के उस दबावपूर्ण रवैये के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है, जो उन्होंने चुनाव के दौरान कनाडा की व्यापार नीति और रक्षा सहयोग पर दिया था।
ट्रंप और कार्नी में क्या हुई बात
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री कार्नी को चुनाव जीतने पर बधाई दी। दोनों नेताओं ने अमेरिका और कनाडा के बीच सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।”
चुनावी नतीजे और कनाडा में माहौल
कनाडा में 29 अप्रैल को हुई काउंटिंग में लिबरल पार्टी को सर्वाधिक 169 सीटें मिलीं। यह बहुमत से 3 सीट कम है। वहीं, कट्टर प्रतिद्वंद्वी पार्टी कंजरवेटिव पार्टी को 144 सीटें मिली। चुनाव के दौरान कनाडा में माहौल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार रिकॉर्ड 69 प्रतिशत मतदान हुआ, यह 2015 के बाद सर्वाधिक वोटिंग प्रतिशत है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव के आखिरी दौर में ट्रंप की ओर से की गई "हस्तक्षेपकारी टिप्पणियों" ने कनाडा में राष्ट्रीय अस्मिता और स्वतंत्र विदेश नीति की भावना को उभारा, जिससे लिबरल पार्टी को अप्रत्याशित समर्थन मिला।