हजारों साल से मौजूद हिंदुओं की सामाजिक संरचना को तोड़ नहीं सकतेः सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (एचएसए) के तहत प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब एक महिला हिंदू कानून के तहत शादी करती है, तो उसका “गोत्र” भी बदल जाता है. इस प्रावधान के अनुसार एक निःसंतान हिंदू विधवा की मृत्यु के बाद, उसकी संपत्ति उसके माता-पिता के बजाय उसके पति के परिवार को मिलती है.